हमलावर गुलदार को काबू करने में जुटी ट्रेंकुलाइज टीम को नहीं मिल रही है सफलता

टनकपुर जिला चंपावत

अशोक सरकार

चंपावत जनपद के टनकपुर चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर सूखीढांग क्षेत्र में बीते दिनों लगातार 12 से 13 दो पहिया वाहनों पर हमला करने के लिए जिम्मेदार गुलदार को पकड़ने के लिए विभाग ने क्षेत्र में ट्रेंकुलाइजर टीम की तैनात, परंतु अभी तक हमलावर गुलदार के विभाग की पकड़ से बाहर होने से बड़ रहा है ग्रामीणों के मन में रोष।

चंपावत टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आठवें मिल के पास सूखीढांग क्षेत्र में हमलावर गुलदार की दहशत दिन प्रतिदिन फैलती जा रही है। वन विभाग द्वारा गुलदार को काबू में करने के लिए क्षेत्र में जगह-जगह पिंजरे स्थापित किया जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र बूम रेंज के वन क्षेत्राधिकारी गुलजार हसन ने जानकारी देते हुए बताया कि उच्च अधिकारियों की अनुमति के बाद क्षेत्र में ट्रेंकुलाइजर टीम भी तैनात कर दी गई है।

टीम का नेतृत्व हल्द्वानी पश्चिमी प्रभाग के डॉक्टर आयुष उनियाल के द्वारा किया जा रहा है जो कि चंपावत वन प्रभाग की तीन रेंज के कर्मचारियों के साथ उक्त हमलावर गुलदार को ट्रेस करने में लगे हुए हैं। परंतु अभी तक राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर आवागमन करने वाले दो पहिया वाहनों पर हमला करने के साथ एक स्थानीय ग्रामीण महिला की हत्या करने के लिए जिम्मेदार उक्त गुलदार वन विभाग की पकड़ से बाहर है |

इस बारे में जानकारी देते हुए टनकपुर वन क्षेत्र की एसडीओ नेहा चौधरी ने बताया कि बीती 26 तारीख को आदेश प्राप्त होने के बाद से ही क्षेत्र में ट्रेंकुलाइजर टीम एक्शन में है। टीम के द्वारा एक बार तो गुलदार को डॉट भी मारी गई। परंतु गुलदार बेहोश होने से पहले ही खड़ी पहाड़ी पर चढ़कर झाड़ियां में गायब हो गया। हमलावर गुलदार को खोज कर ट्रेंकुलाइज करने के लिए हमारे द्वारा लगातार प्रयास जारी हैं हमें आशा है कि जल्द ही हमें सफलता प्राप्त होगी।

गुलदार के हमलो के चलते दहशत में जीने के लिए मजबूर स्थानीय ग्रामीणों के मन में अपने प्रयासों में बार-बार असफल हो रहे वन विभाग के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें उनके स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर परिवार के पालतू जीव जंतुओं की कुशलता के लिए भी अब चिंता सताने लगी है।

अगर सरकार उन्हें इस हमलावर गुलदार से मुक्ति नहीं दिला सकती है तो उनके बच्चों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था घर पर ही करवा दे। साथ ही उनके पालतू जानवरों के लिए चारा भी उपलब्ध करवा दे। जिससे कि वह अपने बच्चों की शिक्षा को सुचारू रखने के साथ अपने परिवार का भरण पोषण भी कर सकें।