रिखणीखाल
प्रखण्ड रिखणीखाल के अन्तर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व लैंसडौन मैदावन रेंज में विगत कई दिनों से टस्कर हाथी की धमक से ग्रामीण परेशान और भयभीत हैं |
टस्कर हाथी जहाँ पहले रात में ख्याड़ा, बैड़वाड़ी ,कूंचपाणी गाँव में आकर केले के पेड़ व बांस खाने निकला था, अब वह दिन में भी आकर ग्रामीणों की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है | जिससे ग्रामीणों में भय का माहोल बना हुवा है |
बुजुर्ग दंपति विश्वंभर दत्त ध्यानी तथा विमला देवी ने बताया की कई दिनों से रात भर हाथी के चिंघाड़ व फुफकार से चुपचाप घर में दुबके रहे तथा सारी रात बल्ब जलाकर घर के अंदर से ही हल्ला करते रहे। सुबह उजाला होने पर देखा तो हाथी नदी पार कर रहा था तब वह कौंऴासैंण की झाड़ियों में चला गया। दोपहर मंदाल नदी में पानी पीकर रौंदेड़ी गाँव जाने वाले रास्ते पर लेट गया। जिससे ग्रामीणों में भय का माहोल बना हुआ है |
ग्रामवासियों ने क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी को समस्या निराकरण हेतु सूचना दी |
जिसके बाद बिनीता ध्यानी ने डीएफओ कालागढ़ टाइगर रिजर्व पीसी आर्य से दूरभाष पर निराकरण की बात कही | इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए गश्त बढ़ा दी गई है और दल में वाचर, गनर, वन दारोगा ,वनरक्षक मौके पर पहुंचे | प्रयास जारी है ,वह टस्कर हाथी है और हर मौसम में यहां आवागमन करता है जिससे लोगों को खेती,घास के पेड़ व जान-माल का भय रहता है।
वन्य जीवों द्वारा खेती नुकसान व जान-माल के खतरे के मध्येनजर इसके स्थायी समाधान हेतु गजरोड़ा ग्रीन वैली,खेड़ा,बैडवाड़ी,काण्डा दियोड़ भैंस्यारौ, जवाड़ियूंरौल, तूणीचौड़ ,कर्तिया,नौदानू, रथुवाढाब ,कुमाल्डी,कालिंको,तैड़िया ,बसुसेरा में खेती सुरक्षा दीवार के प्रस्ताव वन विभाग को सौंपा गया लेकिन कार्रवाई न होने पर रोष जताया है |
उन्होंने कहा कि यदि विभाग संज्ञान नहीं लेता है तो ग्रामीणों को आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा जिसकी मौखिक सूचना दूरभाष पर विभाग व क्षेत्रीय विधायक महन्त दिलीप रावत को भी व्यक्तिगत तौर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी द्वारा दे दी गई है।