मनमोहन भट्ट,
ब्रहमखाल/उत्तरकाशी।
राज्य में शिक्षा ब्यवस्था को सरकार ने प्रयोगशाला बनाकर रख दिया है सरकार का एक मंत्री अटल उत्कृष्ट विद्यालय को लाकर अंग्रेजी माध्यम को मजबूत करने के मकसद से हर ब्लाक में दो स्कूल खोलते हैं तो उसी सरकार का दूसरा मंत्री इस ब्यवस्था को अभिभावकों की रायसुमारी के लिए अभिभावकों और बच्चों से फीडबैक मांग रहा है ये कैसी शिक्षा ब्यवस्था है और क्या शिक्षा ब्यवस्था को सरकार ने उत्तराखंड में प्रयोगशाला बना रख दिया है।
कुछ इस प्रकार के सवाल जबाव अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज गेंवला की छात्र अध्यापक अभिभावक संघ में अभिभावकों और छात्रों ने शिक्षा अधिकारी से किये। कुछ लोगों ने इसे पूर्व शिक्षा मंत्री का जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया तो किसी ने इसका स्वागत किया।
हालांकि मिली-जुली प्रतिक्रिया के बीच पहाड़ी परिवेश के छात्रों ने दवी ज़ुबां से केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड का विरोध किया और अधिकांश 90% अभिभावकों ने इस बोर्ड का स्वागत किया। खंड शिक्षा अधिकारी हर्षा रावत के नेतृत्व में अभिभावकों और छात्रों से केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड के आधीन अंग्रेजी माध्यम और उत्तराखंड बोर्ड के पाठ्यक्रम पर पर ज़बाब मांगा गया।
अधिकतर अभिभावकों ने उत्तराखंड बोर्ड का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि अटल उत्कृष्ट विद्यालय सरकार की एक अच्छी पहल तो है मगर अनुभवी और शिक्षकों की कमी से छात्रों की शिक्षण ब्यवस्था चौपट हो रही है। सरकार पहले सिस्टम को सुधारें और हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को उनकी इच्छा अनुसार माध्यम को चुनने की स्वतंत्रता दे तथा अलग अलग सैक्सन बनाकर शिक्षण कार्य करवाये।
सीबीएसई के संसाधनों के तहत सरकार विद्यालयों के तंत्र को विकसित करें और शिक्षा ब्यवस्था को प्रयोगशाला न बनायें। इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी हर्षा ने ब्रह्मखाल क्षेत्र के सभी सरकारी स्कूलों में बालिकाओं को सेनेटरी पैड भी वितरित किए जो स्टेट बैंक के रीजनल मैनेजर राकेश मोहन भट्ट ने खंड शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराये थे।
इस मौके पर पीटीए अध्यक्ष राजेश रमोला, एस एमसी अध्यक्ष गीता रावत , सतेन्द्र रावत , प्रधानाचार्य मनवीर गौतम, प्रकाश भंडारी, धनराज राणा, संदीप रावत, प्रयागनाथ, रविचंद्र नौटियाल, कुलवंती रावत, मीनू रमोला, राजेश्वरी नाथ, कमलेश चौहान आदि लोग मौजूद रहे।