यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट मुर्दाबाद के लगे नारे, मौत के साये में जी रहे ग्रामीण

इंद्रजीत असवाल

कोटद्वार

मामले यदि मैदानी इलाको की हो तो जनप्रतिनिधि सरकार सब खड़े हो जाते हैं | वही खाली होते पहाड़ों की हो तो जनप्रतिनिधि मौके पर भी नही जाते, उल्टे ग्रामीणों को धमकी देते हैं |

मामला जनपद पौड़ी का है जिसने देश को बड़े बड़े मंच दिए हैं | ये वो मंच है जो मंच बनने के बाद पहाड़ से मुंह मोड़ चुके हैं |वही प्रदेश को 5 मुख्यमंत्री देने के बाद भी पौड़ी गढ़वाल की बड़ी दुर्गति हो रही है |

अब आपको पूरा मामला बताते हैं मामला जनपद पौड़ी के यमकेश्वर विधानसभा के आमसोड ग्राम सभा का है जहां पर विगत दिनों में बारिश के कारण भारी कहर बरपा है, जिसके कारण आमसौड़ और झवण गांव कभी भी जमीन दोज हो सकता है |

हमारी टीम के द्वारा पूरे गांव का सर्वे किया गया, तो आमसौड़ और झवण गांव की पहाड़ी पर बहुत बड़ा भूस्खलन हुआ है और कई जगह पहाड़ी पर बड़ी बड़ी दरारें पड़ी हुई है | जिस कारण ये गांव कभी भी जमी दोज हो सकता है और कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है |

जब आमसौड़ गांव वासियों से वार्ता की तो ग्रामीण दहशत में है और उनका कहना है कि वह रात को अन्य जगह जाकर सोते हैं कि कहीं कोई बड़ी दुर्घटना न हो जाए |

वहीँ दूसरी और इसी ग्राम सभा का एक गाँव जो झवण गांव कहलाता है जिस गाँव के लिये आज तक सडक नहीं पहुँच पाई है और भूस्खलन के कारण एक मात्र रास्ता भी ध्वस्त हो चूका है जिस कारण ग्रामीणों को जंगल के रास्ते आना जाना पड़ रहा है | साथ ही स्कूल में पड़ने वाले बच्चों के साथ परिजनों को भी आना पड़ रहा है तथा अत्यधिक दूरी तय करनी पड़ रही है |

ग्राम सभा के जो पैदल मार्ग हैं वो भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके है आजकल गांव वाले पूरी तरह से मौत के साए में जी रहे हैं हमारे द्वारा जब गांव वासियों से बात की गई तो उनका कहना था कि वह लोग दूसरों के घरों में रह रहे हैं | प्रशासन से केवल पटवारी व कुछ पुलिस वाले ही मौके पर मौजूद थे और जो जनप्रतिनिधि है चाहे विधायक हो या ग्राम प्रधान सभी नदारद है |

ग्रामीणों का कहना है कि यहां की विधायक रेनू बिष्ट केवल सड़क तक ही आई, उन्होंने उन जगहों पर जाकर नहीं देखा जहां आपदा आई है |

गांव वासियों का कहना है कि उन्होंने वोट तो अच्छे कार्यों के लिए दी थी, लेकिन आज वह अच्छे कार्य ऐसे दिख रहे हैं कि जनप्रतिनिधि क्षेत्र से पूरी तरह से गोल है | ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट के मुर्दाबाद के नारे लगाए |

उनका कहना था कि यदि जल्द सरकार उन्हें सुरक्षित स्थान पर विस्थापित नहीं करती है तो आने वाले 2024 के चुनाव में इसका सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है |