उत्तरकाशी मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने ली महत्वपूर्ण वाइब्रेंट विलेज योजना कार्यक्रम की बैठक

मनमोहन भट्ट,

उत्तरकाशी।

सोमवार को मुख्य विकास अधिकारी उत्तरकाशी गौरव कुमार ने विकास भवन सभागार कक्ष में केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण वाइब्रेंट विलेज योजना कार्यक्रम की आवश्यक बैठक ली।


उन्होंने उपस्थित सम्बन्धित अधिकारियों को इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर अवश्य दिशा-निर्देश है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत सीमावर्ती इलाकों में स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को प्रोत्साहन देकर पर्यटन क्षमता को मजबूत बनाने और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारिता, एनजीओ के माध्यम से “एक गांव एक उत्पाद” जैसी अवधारणा पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने सड़क, पेयजल, सौर ऊर्जा, विद्युत आपूर्ति, मोबाइल तथा इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटक केंद्र, बहुद्देशीय सेंटर तथा स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर के विकास पर जोर दिया।


मुख्य विकास अधिकारी ने पर्यटन अधिकारी को इको टूरिज्म के अंन्तर्गत कार्य करने को लेकर वन विभाग से समन्वय स्थापित व होमस्टे, एडवेंचर तथा पर्यटकों की संख्या संकलित करने के निर्देश दिये। उन्होंने वाइब्रेंट विलेज योजना में स्किल डपलमेंट आदि को लेकर सेवा योजन को अवश्य निर्देश दिये।

मुख्य विकास अधिकारी ने वन, चिकित्सा, कृषि, पशुपालन, शिक्षा, एनआरएलएम, उधोग,उद्यान, विधुत, मत्स्य, डेरी विकास, उरेड़ा, भेषज ईकाई, पर्यटन, सहकारिता, सेवायोजन, लोनिवि, जल संस्थान, पंचायती राज, बाल विकास, आपदा प्रबंधन, स्वजल, लीड बैंक, ई-ड्रिस्टिक आदि को निर्देशित करते हुये कहा कि कि सुखी, धराली, जसपुर, झाला, बगोरी आदि सीमावर्ती गावों में केन्द्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना अत्यन्त महत्वपूर्ण व महत्वकांक्षी है।

अतः सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारी इस सबंध में कल तक अपने- अपने विभागों का एक्शन प्लान अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। किसी भी तरह की शिथिलता न बरती जाए इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों का समावेशी विकास को लेकर सभी अधिकारी सजगता व जिम्मेदारी से अपने- अपने कार्यों का बखूबी से निर्वहन करना सुनिश्चित करें।


बता दें कि इस योजना का उद्देश्य सीमावर्ती गांवों में स्थानीय, प्राकृतिक और अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक प्रेरकों की पहचान और विकास करना तथा सामाजिक उद्यमिता प्रोत्साहन, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं व महिलाओं को सशक्त बनाना है।


बैठक में परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास रमेश चंद्र, अधिशासी अभियंता जल संस्थान बलदेव सिंह डोगरा, महाप्रबंधक उद्योग शैली डबराल, प्रबंधक स्वजल प्रताप मटूड़ा सहित खण्ड विकास अधिकारी भटवाड़ी अमित मंमगाई ऑन लाइन जुड़े रहे।