हाईकोर्ट द्वारा मशीनो द्वारा खनन प्रतिबंधित होने के बावजूद भी रिवर ड्रेजिंग के लिए लगी होड़।

सुभाष पिमोली

थराली।


हाई कोर्ट द्वारा गंगा और उसकी सहायक नदियों में मशीन द्वारा किसी भी तरह के खनन,टीपान को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद रिवर ड्राइविंग के लिए जनपद चमोली में निकाली गई निर्विदाओ के लिए खनन व्यवसायियों में होड़ देखने को मिल रही है हजारों व्यवसायियों ने अपने टेंडर डाले हैं ।

वर्तमान में जनपद चमोली में गंगा और उसकी सहायक नदियों में खदान चुगान के लिए विज्ञप्ति जारी हुई है , जिन की नीलामी शुरू हो गई है। यह सारे लॉट गंगा की सहायक नदियां पिण्डर, अलकनंदा, मंदाकिनी एवं अन्य नदियों पर है, जिन पर हाईकोर्ट ने एक आदेश द्वारा मशीनों के खनन-टीपान को प्रतिबंधित किया हुआ है, इसके बाबजूद भी बड़ी संख्या में रीवर ड्रेजिंग के लिए आवेदन हुए है।

आवेदनों की संख्या को देखकर अंदाज लगाया जा सकता है कि खनन व्यवसायियों में इसके लिए कितनी उत्सुकता है। पिछले वर्षों में जनपद में हुए रिवर ड्रेजिंग के दौरान मीडिया की सुर्खियों में रहा कि मशीनों द्वारा खनन कार्य नदियों में किया जाना है हाईकोर्ट के आदेश का पालन जिला प्रशासन कितना करवा पाता है यह देखने वाली बात होगी।।



थराली में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष देवी दत्त कुनियाल, विनोद रावत का कहना है कि हाई कोर्ट ने गंगा की सहायक नदियों में मशीनी खनन एवं टीपान पर नाराजगी जताते हुए सख्ती से रोक लगाए जाने के निर्देश दिए है। देखना यह होगा की जिला प्रशासन किस तरह हाई कोर्ट के आदेश का पालन करवाते है। उन्होंने कहा कि यदि मशीनों द्वारा खनन देखा गया तो हाई कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा।


क्या कहते ही जिला खनन अधिकारी:-चमोली जिले के जिला खनन अधिकारी डॉ दिपक हटवाल का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश द्वारा मशीन से खनन एवं टीपान प्रतिबंधित है। किसी भी दशा में रिवर ड्रेजिंग में मशीनों के प्रयोग की अनुमति नही दी जा रही है अब देखना होगा क्या खनन व्यवसायी हाईकोर्ट के नियमों का पालन करते हैं या नहीं या हाईकोर्ट के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हैं ।