मरीज दर दर ठोकर खाने को मजबूर, कोटद्वार चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का आलम।

कोटद्वार

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल किसी से भी छुपा नहीं है और आये दिन ग्रामीण क्षेत्रो के चिकित्सालयों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है | कहाँ हम पहाड़ों के चिकित्सालयों की अव्यवस्थाओं का रोना रो रहे हैं और शहरी क्षेत्र के चिकित्सलाओं की तरह अपने ग्रामीण चिकित्सालयों को बनाये जाने तथा सुविधाओं की व्यवस्था सुद्रड बनाये जाने को लेकर आये दिन इसके लिए प्रदर्शन किये जाते रहे हैं |

परन्तु लगता है इस अव्यवस्था से शहरी क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा और 22 वें वर्ष में प्रवेश करने पर उत्तराखंड में चन्द्रमोहन सिंह नेगी राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार में मरीज व उनके तीमारदार दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहा हैं। अभी अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में सुबह छः बजे से पर्ची की कतार में खड़े लोगों में आक्रोश है कि 9:30 बजे तक भी कोई रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया शुरू तक नही हुई तथा लोगों को कतार में तीन चार घंटे खड़े होने पर चक्कर आने लगे हैं।इलाज तो जब होगा तब होगा। पहले ही लोग उदासीन हो गये हैं। इस बेस अस्पताल पर सम्पूर्ण कोटद्वार शहर कोटद्वार भाबर, रिखणीखाल, जयहरीखाल, यमकेश्वर, बिजनौर, दुगड्डा आदि जगहों का भार है ।

पौड़ी जनपद का एकमात्र बड़े अस्पताल की श्रेणी में आता है लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति व कागजों तक सीमित है। पूरे अस्पताल में अव्यवस्थाये मुह बायें खड़ी है।दूरदराज के लोग सुबह से ही पंक्तिबद्ध होकर खड़े है लेकिन 9:30 बजे तक पर्ची न बनना अस्पताल की घोर लापरवाही को उजागर करता है।लोग एक दिन पहले से ही होटल,धर्मशाला,रिश्तेदार के यहाँ डेरा जमा लेते है तथा विवश है।कुछ लोग तो इस झंझट से निजात पाने के लिए प्राइवेट अस्पताल का रुख करने लगे हैं,इसी में अपनी भलाई समझते हैं।पर्ची कटने में भी दस मिनट तक लगते हैं।

आयुष्मान कार्ड आदि तो मात्र दिखावा ही है। यह घटना आज 10/11/2021की है।इसे रिखणीखाल प्रखंड के निवासी रविन्द्र बिष्ट ने शेयर की है।

सरकार कहती है कि हमने अस्पतालो में स्वास्थ्य सेवाये चाक-चौबंद कर दी है लेकिन हकीकत कुछ और ही हैं। सुविधायें दूर दूर तक भी नजर नहीं आती हैं।

क्या कभी इस राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार के दिन भी बहुरेगे?