चौबट्टाखाल विधानसभा समीक्षा, कौन बनेगा सरताज l

देवेश आदमी

72 हजार लगभग जनसंख्या वाले विधानसभा चौबट्टाखाल के बारे में कहा जाता हैं कि यह विधानसभा जनपद पौड़ी को सौगात में मिला। थलीसैंण लैंसडौन व यमकेश्वर पौड़ी से काट कर नया परसीमन चौबट्टाखाल बना। जिस में नवनिर्मित नगर पालिका सतपुली का समावेश है।

यहां मौजूदा विधायक कोंग्रेस से BJP में गए सांस्कृतिक पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज हैं। सतपाल महाराज की कुंडली में राजयोग जब से बैठा आज तक उतरा नही। सतपाल महाराज किसी भी पार्टी से चुनाव लड़े कैविनेट मंत्री उन्हें मिलना निश्चित हैं। महाराज के लिए 2022 में चुनाव जीतना किसी चमत्कार से कम नही होगा, क्योंकि सतपाल महाराज के बारे में कहा जाता हैं कि वह मोकाफरस्त विधायक है जहाँ से उन्हें सम्भावना होगी वे वहीं चले जायेंगे। सतपाल महाराज का धर्म सिर्फ राजनीति हैं पैसों के दम पर चुनाव जीतने वाले विधायकों में सतपाल महाराज एक विधायक हैं।


यहां से आम आदमी पार्टी से दिग्मोहन सिंह नेगी प्रबल दावेदार हैं हंस फाउंडेशन से 10 साल तक जुड़े रहे नेगी ने क्षेत्र में अनेकों सामाजिक कार्य किये हैं बिसलरी कंपनी से GM के पद से सेवानिवृत्त नेगी क्षेत्र में बहुत सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सरल स्वभाव युवा जोश मृदुभाषी दिग्मोहन नेगी वर्तमान में आम आदमी पार्टी के प्रदेश युवा अध्यक्ष हैं।


यहां तीसरा नाम सामाजिक कार्यकर्ता कवीन्द्र इष्टवाल का नाम आता है वे पिछला चुनाव निर्दलीय लड़ चुके हैं। BJP से कोंग्रेस में आये कवींद्र इष्टवाल क्षेत्र में बहुत सक्रिय हैं। कवीन्द्र इष्टवाल जिस जगह खड़े हो जाते हैं वहां भीड़ अपने आप जुड़ जाती हैं। इस के बावजूद वे पार्टी से टिकट न मिलने पर बगावत नही करेंगे वे निर्दलीय चुनाव लड़ने का जोखिम पिछली बार उठा चुके हैं वर्तमान में इष्टवाल पार्टी में प्रदेश सचिव के पद पर नियुक्त हैं और लैंसडौन विधानसभा के चुनाव प्रभारी हैं। पिछला चुनाव वे सतपाल महाराज के साथ हारे थे मगर उन की लोकप्रियता आज भी बढ़ रही हैं। हार के बावजूद भी वे लोकप्रियता में सतपाल महाराज से आगे हैं।

यहां से चौथा नाम राजपाल सिंह विष्ट का आता हैं विष्ट सामाजिक कार्यकर्ता हैं और अनेकों वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं। दो बार लगातार हार मिलने के बाद भी उन्हें व उन के समर्थकों को पूरा यकीन हैं कि वह चुनाव जीत सकते हैं, हालांकि यह किसी भी सीट पर किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए आसान नही हैं l

उत्तराखण्ड के 70 विधानसभा सीटों पर आज कोई भी ऐसा उम्मीदवार नही जो अपने दम पर चुनाव जीत सकें। आम आदमी पार्टी के चुनाव में उतरने पर सीधा 7 से 10% वोटों का नुकसान कोंग्रेस को होगा और चौबट्टाखाल विधानसभा में दिग्मोहन नेगी का आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार होने पर bjp को 12 से 15% व कोंग्रेस को 10 से 13% वोटों का नुकसान होने की पूरी आसंका है।

क्षेत्र अनेकों समस्याओं से जूझ रहा हैं मौजूदा विधायक लोगों के दिलों में जगह नही बना सके। विकास के क्षेत्र में खानापूर्ति से अधिक कुछ नही हुआ। क्षेत्र का युवा शराब के नशे में चूर हैं सतपुली से बेजरो तक ज्वालपा देवी से बीरोंखाल तक पलायन की मार झेल रहा क्षेत्र जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं। 90% खेती बंजर है सिंचाई पेयजल सड़क शिक्षा चिकित्सा के क्षेत्र में चौबट्टाखाल जनपद के सब से पिछले विधंसभावों में गिना जाता हैं।


चौबट्टाखाल विधानसभा के अंतर्गत सतपुली, नोगांवखाल, रिठाखाल, बेजरो, स्यून्सी, बीरोंखाल, रसिया महादेव, गुमखाल, एकेश्वर, संगलाकोटी, बिजोरापाणी, पनास, पाटीसैंण, जण्दा देवी, गवानी, पोखड़ा जैसे प्रमुख बाजार हैं जो समूचे क्षेत्र की राजनीति का नियंत्रण अपने हाथों में रखती हैं।

क्षेत्र में 11% वोट ब्राह्मणों के हैं। 9% शिल्पकार समाज के हैं। क्षेत्र में 3 तकनीक शिक्षण संस्थान 2 महाविद्यालय क्षेत्र में युवाओं के वोट पलटने का माद्दा रखती हैं। 10280 छात्र छात्राएं वर्तमान में स्कूली शिक्षा अध्ययनरत हैं। जिन के अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को देख पर मतदान करेंगे।


इस बार चौबट्टाखाल में मतदान का प्रतिशत विगत वर्षों से अधिक रहेगा। प्रभावसाली 3 ब्लॉक प्रमुख त्रिकोणीय चुनाव जनता को मतदान तक लाने की पूरी कोशिश करेगा। अब देखने वाली बात यह हैं कि 45 वर्ष की उम्र आंकड़े वाले बाजी मारते हैं या बयोवृद्ध अपने राजनीतिक तजुर्बे का फायदा उठाते हैं।

राजनीति में 6 महीने पहले कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। क्षेत्र में इं डी पी एस रावत उत्तराखंड रक्षा मौर्चा, पूनम केत्युरा (सामाजिक कार्यकर्ता), सीमा सजवाण (वर्तमान जिला पंचायत), विरेंद्र सिंह यूकेडी, जैसे लोग अपना प्रभाव छोड़ सकते है।


जीत किस की होगी कौन हारेगा पर लोकतंत्र जिंदा रहना चाहिए। मानव मूल्यों का दहन नही होना चाहिए।