9 सितंबर से 29 सितंबर तक होगी नंदा देवी लोक जात यात्रा।

सुभाष पिमोली

थराली।

हर वर्ष होने वाली नंदा देवी लोक जात यात्रा के लिए तिथि घोषित हो गई है हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नंदा लोक जात यात्रा की तिथियों का नंदा देवी राजराजेश्वरी मंदिर कमेटी कुरुड परगना नन्दाक बधाण का धार्मिक परंपराओं के अनुसार समस्त गोड पुजारियों तथा अध्यक्ष मंदिर कमेटी के द्वारा 21 दिनों तक चलने वाली सबसे लंबी पैदल यात्रा जो कुरुड नंदा नगर से बेदनी कुंड तक चलेगी जिसका पंचांग जारी कर दिया गया है |

कमेटी के अध्यक्ष नरेश गौड़ ने बताया राजराजेश्वरी नंदा की उत्सव डोली 7 सितंबर को गर्भ ग्रह से बाहर निकलेगी | उसके बाद 9 सितंबर तक सिद्ध पीठ कुरुड मे नंदा मेले का आयोजन किया जाएगा | 9 सितंबर को दिन में उत्सव डोली अपने पहले पड़ाव चरबंग के लिए प्रस्थान करेगी रात्रि विश्राम चरबग में होगा |

10 सितंबर को चरबग से कुंड बगड होते हुए मध् कोट रात्रि विश्राम करेगी, 11 को मधकोट से घट गांव शिव मंदिर नंदा नगर होते हुए रात्रि विश्राम उस्तोली में करेगी जहां भूमियाल की पूजा की जाएगी | 11 सितंबर को उस्तोली से सरपानी लाखी होते हुए रात्रि विश्राम भेटी में करेगी, 13 सितंबर को प्रातः भेटी से स्यारी बंगाली होते हुए रात्रि विश्राम डूंगरी में करेगी जहां पर देवी की पूजा की जाएगी |

14 सितंबर को प्रातः डूंगरी से केरा,मेन होते हुए रात्रि विश्राम के लिए सूना गांव पहुंचेगी 15 सितंबर को सूना से थराली गांव,थराली बाजार,,राडीबगड़ होते हुए रात्रि विश्राम चेपड़ो में करेगी जहा थोकदारों द्वारा देवी की पूजा की जाएगी 16 सितंबर को प्रातः चेपड़ो से कोठी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए धरा तल्ला पहुंचेगी 17 सितंबर को धरा तल्ला से धरा मल्ला होते हुए रात्रि विश्राम बेराधार में करेगी 18 सितंबर को बेराधार से इछोली होता होते हुए रात्रि विश्राम के लिए फल्दिया गांव पहुंचेगी जहां पर थोकदारो द्वारा देवी पूजा की जाएगी |

19 सितंबर को फल्दिया गांव से काण्डई लब्बू पिलखड़ा होते हुए रात्रि विश्राम के लिए मुंन्दोली पहुंचेगी 20 सितंबर को मुंन्दोली से लोहाजंग होते हुए कृतीबगड़ होते हुए रात्रि विश्राम के लिए वाण पहुंचेगी जहां नंदा और नंदा के धर्म भाई लाटू का मिलन होगा इस अवसर पर यहां रात भर झोड़े,चाचणी तथा विशेष मेले का आयोजन किया जाता है 21 सितंबर को बाण से रणकधार होते हुए रात्रि विश्राम हेतु गैरोली पाताल पहुंचेगी 22 को गैरोली पाताल से वेदनी वेदनी पहुंचेगी जहां पर नंदा सप्तमी के दिन बेदनी कुंड में लोग जात का आयोजन किया जायेगा और देवी की डोली वापस हो जाएगी और रात्रि विश्राम के लिए बाक पहुंचेगी जहां पर देवी नृत्य होगा 23 सितंबर को बाक से बगरीगाड़ होते हुए रात्रि विश्राम लवाणी पहुंचेगी जहां देवी पूजा होगी |

24 सितंबर को लवाणी से बमणबेरा होते हुए रति विश्राम हेतु उलंग्ररा पहुंचेगी जहां पर देवी की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी 25 सितंबर को उलग्ररा से होते हुए रात्रि विश्राम पूर्णा 26 सितंबर को पूर्णा से चिड़ीगा,कल्याणी होते हुए रात्री विश्राम जोला में होगा 27 सितंबर को जोला से बुडजोला, त्रिकोट होते हुए रात्री विश्राम विजयपुर पहुंचेगी 28 सितंबर को विजयपुर से लौड़ा तलवाड़ी खालसा होते हुए रात्री विश्राम थाला पहुंचेगी 29 सितंबर को थाला से लोल्टी तुंगेश्वर होते हुए नंदा की उत्सव डोली सिद्ध पीठ देवराडा में 6 माह के लिए विराजमान हो जाएगी जहां थोकदारो द्वारा विशेष पूजा अर्चना की जाएगी |

लोक जात समिति के अध्यक्ष नरेश गोड़ ने बताया कि इस बार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि क्षय होने के कारण ग्वालदम का पड़ाव निरस्त किया गया है नंदा की डोली के साथ दयाराम गोड,मंसाराम गोड,योगेश्वर गोड,कन्हैया प्रसाद गोड,अनुसूया प्रसाद गोड,लक्ष्मी प्रसाद गोड,बच्ची राम गोड,सुनील कुमार गोड,रमेश गोड,मनोहर गोड़ साथ चलेंगे।