शारदा सागर डैम का अस्तित्व खतरे में, ग्रामीणों में दहशत

खटीमा जनपद ऊधम सिंह नगर

अशोक सरकार

यूपी उत्तराखंड सीमा पर स्थित शारदा सागर डैम की मुख्य चहारदीवारी की भीतरी सतह व पिचिंग हुई बुरी तरह क्षतिग्रस्त। डैम की हालत बनी चिंताजनक। डैम का अस्तित्व खतरे में। स्थानीय ग्रामीणों में बना भय का माहौल। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किया निरीक्षण। मरम्मत का दिया आश्वासन।


भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे यूपी उत्तराखंड सीमा पर लगभग 22 किलोमीटर लंबा स्थित शारदा सागर बांध मिट्टी से बना एशिया का सबसे बड़ा बांध है जो उत्तराखंड बनने के बाद दो हिस्सों में बंट गया लेकिन इसकी देखरेख अभी भी उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन है।

वहीं सरकार के उदासीन रवैया और विभाग की लापरवाही के चलते डैम की हालत बिल्कुल जर्जर हो चुकी है और अस्तित्व खतरे में है। डैम में लगातार पानी के साथ आने वाले सिल्ट जमा होने, डैम की साफ सफाई ना होने, सीपेज ड्रेन चौक होने और हवा के थपेड़ों के चलते पानी की लहरों से यूपी जिला पीलीभीत के अंतर्गत 14.6 किलोमीटर के पास बूंदीभूड़ गांव के सामने डैम की मुख्य बॉडी की पिचिंग टूटने लगी है |

डैम के मुख्य चहारदीवारी की भीतरी सतह पर बड़ी-बड़ी दरारें और गड्ढे बन गए हैं, लगातार मिट्टी कटाव भी जारी है, परिणाम स्वरूप डैम टूटने का खतरा बना हुआ है, डैम का अस्तित्व कभी कभी भी खत्म हो सकता है, डैम टूटने से यूपी उत्तराखंड के अनेकों गांव प्रभावित हो सकते हैं, जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों में जहां भय का माहौल है वहीं सरकार और विभाग के प्रति भारी आक्रोश भी पनप रहा है।


वही सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार पोरवल, सहायक अधिशासी अभियंता राजकुमार ने अपनी टीम के साथ मौके का निरीक्षण किया और ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए बताया कि डैम में पानी कम करने और क्षतिग्रस्त पिचिंग की मरम्मत का प्रयास किया जा रहा है इस पर हमारी बराबर निगरानी बनी हुई है।

वहीं स्थानीय ग्रामीण अरविंद कुमार कनौजिया ने बताया कि यदि जल्द ही कोई ठोस उपाय नहीं किया गया तो बांध कभी भी टूट सकता है जिससे दूर दूर तक भारी जानमाल का खतरा होगा। यदि शासन प्रशासन द्वारा समय पर कार्यवाही नहीं की गई तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।