कुछ पल का क्रोध पूरे दिन की भक्ति का फल नष्ट कर देता है- आचार्य अरविंद


सुभाष पिमोली

थराली


थराली के ग्राम तल्ला सुनाऊ में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। भागवत कथा के तीसरे दिन रविवार को कथावाचक आचार्य अरविंद प्रसाद सेमवाल ने कथा रसश्रवण करवाते हुए कहा कि भगवान भजन के नहीं बल्कि भाव के भूखे होते हैं।

कृष्ण मित्र सुदामा के लाये चावल के दानों से ही खुश होकर उसे संसार का सारा सुख और मोक्ष प्रदान कर देते हैं। यही कृष्ण दुर्योधन के छप्पन भोग को छोड़कर विदुर के घर फलों के छिलके खा लेते हैं क्योंकि विदुर के भाव में हमेशा ही कृष्ण समाये रहते हैं।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पुत्र नहीं है वह कृष्ण को पुत्र मानकर उसकी भक्ति शुरू कर दें। इससे ही उनके जीवन इस संसार लोक से तर जाएगा। उन्होंने कहा कि क्रोध इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है यदि आप सुबह से रात तक भजन और पूजन करते हैं और इस बीच में आपको एक मिनट के लिए भी क्रोध आ गया तो आपकी भक्ति किसी काम नहीं आएगी।


इस दौरान यजमान देवी पुरोहित, टीकाराम पुरोहित, गोविंद पुरोहित, नंदराम पुरोहित, प्रकाश पुरोहित, चंदन पुरोहित, शांति देवी, सावित्री देवी, बसंती देवी, कला देवी, शांति देवी, पूजा, ज्योति, करिश्मा, पूनम, पिंकी, कुलदीप, सोनी सहित कई अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।