फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सीएससी सेंटर पर मुकदमा, अमित बनकर पहुंचा था ताहिर खान

हल्द्वानी

अग्निवीर भर्ती के लिए फर्जी दस्तावेज के साथ पहुंचे आरोपित ताहिर खान समेत सीएससी सेंटर संचालक पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है।

आपको बता दें कि कूटरचित तरीके से 15 अगस्त को अपणि सरकार पोर्टल के माध्यम से आरोपित ने दस्तावेज तैयार किए थे।गड़बड़ी सामने आने पर प्रमाणपत्रों की जांच की गई। तब पता चला कि संलग्न दस्तावेज अमित नाम से कूटरचित कर अपलोड किए गए हैं।

आनलाइन जांच में जो दस्तावेज अपलोड कराए गए थे उन्हीं के आधार पर प्रमाण पत्र जारी किए गए। जिसमें सीएससी संचालक नासिर ने भी हेराफेरी में साथ दिया।

बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने बताया कि शनि बाजार रोड निवासी आरोपित सीएससी संचालक नासिर अली व बुलंदशहर के अलीपुरा, थाना सिकंदराबाद, कोकड़ निवासी ताहिर खान के विरुद्ध कूटरचित दस्तावेज तैयार करना, छल करने की धाराओं में प्राथमिकी की है।

राजस्व उपनिरीक्षक दीपक टम्टा ने पुलिस को बताया कि अपणि सरकार पोर्टल से बुलंदशहर निवासी ताहिर खान ने 15 अगस्त को आनलाइन आवेदन किया था, जिसमें ताहिर ने राशन कार्ड, विद्युत बिल व आधार कार्ड को संलग्न किया था। इसी के आधार पर प्रमाणपत्र जारी हुए।

राजस्व उपनिरीक्षक का कहना है कि वर्तमान में आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया हैं। जिसमें विभिन्न प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन तहसील या जन सेवा केंद्र के माध्यम से आनलाइन ही किए जाते हैं और आवेदक अपने मूल दस्तावेज जनसेवा केंद्र में प्रस्तुत कर अपलोड करता है।

प्रत्येक राजस्व उप निरीक्षक की आइडी जो आनलाइन अभिलेख होते हैं उसी के आधार पर नियमानुसार प्रमाणपत्र जारी होते है। पूर्व में यह व्यवस्था थी कि आवेदक अपने मूल अभिलेख कार्यालय में उपस्थित होकर प्रस्तुत करता था। जिसके आधार पर भौतिक सत्यापन कर प्रमाण पत्र जारी किए जाते थे।

वर्तमान में जनसेवा केंद्र में अपने मूल अभिलेख प्रस्तुत कर आवेदन करता हैं। जिसमें जनसेवा केंद्र के संचालक मूल दस्तावेजों की जांच करते हैं। दस्तावेज सही पाए जाने पर संचालक आश्वस्त होकर आनलाइन की प्रक्रिया करता है।

दोबारा जांच में पता चला कि आनलाइन आवेदन करने में गड़बड़ी हुई है। जहां पर दस्तावेज स्कैन थे या कूटरचित स्कैन किए गए थे। सीएससी स्तर से त्रुटि है। उनके स्तर से जो संलग्न अभिलेख थे उसी आधार पर रिपोर्ट लगाई गई। क्योंकि नियमानुसार आनलाइन प्राप्त आवेदन प्रमाणपत्रों की जांच के बाद ही प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *