नेटवर्क कनेक्टिविटी से जूझ रहे उतरकाशी जनपद के नागगांव के ग्रामीणों ने दी उग्र आन्दोलन की चेतावनी


मनमोहन भट्ट,

उत्तरकाशी

उत्तरकाशी जनपद केे डुण्डा प्रखंड में एक गांव ऐसा भी है जो डिजिटल इन्डिया के इस दौर में आज भी मोबाइल नेटवर्क की समस्या से जूझ रहा है ग्रामीणों की मानें तो इस गांव में किसी भी संचार कम्पनी का नेटवर्क नहीं है l

नेटवर्क कनेक्टिविटी खामियाजा ग्रामीणों को समय-समय पर भुगतना पड़ रहा है। यहां तक कि रात को जब गांव में अचानक से किसी की तबीयत बिगड़ जाय तो उन्हें 108 पर कॉल करने के लिए एक किलोमीटर दूर आना पड़ता है और कभी कभी तो इतनी दूर आने के बाद भी नेटवर्क की ब्यस्तता के कारण108 पर कॉल भी नहीं लग पाती है।


डिजिटल इण्डिया के इस दौर में यमुनोत्री विधानसभा के भण्डारस्यूं पट्टी के नागगांव में आज भी किसी भी संचार कम्पनी का मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं हैं उत्तराखंड सरकार के द्वारा बर्तमान में जारी किए गए ने नियमों के अनुसार सरकारी खाद्यान्न वितरण में बायोमैट्रिक प्रणाली से राशन‌ वितरण होनी अति आवश्यक है लेकिन नेटवर्क कनेक्टिविटी से वंचित यहां के ग्रामीणों को सरकारी खाद्यान्न भी नहीं मिल पा रहा है l

इनका राशन सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर ही पड़ा हुआ है चुनाव के समय सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपने अपने घोषणापत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी से इस गांव को जोड़ना अपनी पहली प्राथमिकता बताया था और यहां के ग्रामीणों से मौखिक में वादा भी किया था लेकिन चुनाव के बाद नेता भी अपना वादा भूल गए।

ग्रामीणों ने उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष श्री दीपक विजल्वाण से भी गांव कों नेटवर्क कनेक्टिविटी से जोड़ने की गुहार लगाई लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ।


ग्रामीणों का कहना है कि आखिर हम किस सदी में जी रहे हैं यदि 15 दिनों के भीतर गांव में नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं आती तो इन्हें उग्र आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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