फिल्म “खैरी का दिन ” उत्तराखंड की फ़िल्मी दुनिया के लिए एक शुभ सन्देश

देहरादून

डब्बल सिंह मियां

बहुत समय के बाद उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगो के होंटो पर मुस्कान आई हे, और इस मुस्कान को लाने वाली फिल्म है “खैरी का दिन ” |

उत्तराखंड में बदहाली की कगार पर पहुंच चुकी फिल्म इंडस्ट्री को “खैरी का दिन ” फिल्म ने एक नई चमक बिखेरी है तथा उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री में कार्य करने वाले लोगों को मन में एक उम्मीद जगाई है |

महेश्वरी फिल्म्स के बैनर तले निर्मित उत्तराखंडी फीचर फिल्म खैरी का दिन ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है और देखते ही देखते उत्तराखंड में इस फिल्म ने लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ी है |

जब से ये फिल्म रिलीज़ हुई तब से लगातार सुर्खियों में है, बहुत समय बाद एक ऐसी फिल्म उत्तराखंड में आई है जो उत्तराखंड के लोगो को सिनेमाघरों तक लाने में कामयाब हुई है |

यदि फिल्म की बात करें तो कोटद्वार के सिनेमा हाल में पहले ही दिन फिल्म को देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक हॉल में पहुंचे | वहीँ दिल्ली जैंसे बड़े शहरों में भी उत्तराखंडी ही नहीं अन्य प्रदेशों के लोगों ने इसे खूब पसंद क किया और इसकी प्रसंसा की |

यदि देहरादून और ऋषिकेश की बात की जाय तो यहाँ भी फिल्म “खैरी का दिन ” देखने आये लोगो के बीच जबरदस्त उत्साह देखने को मिला |

वहीँ आंचलिक फिल्म के प्रशंसकों ने सोशल मीडिया में इस फिल्म को देखने के सम्बंध में अभियान शुरू किया है।

फिल्म पहाड़ की कठिन परिस्थितियों व मुद्दों को लेकर आवाज उठाती है। फिल्म के समर्थन में अभियान चलाने वाले प्रशंसकों का कहना है कि आंचलिक फिल्मों का प्रमोशन होना बहुत जरुरी है। चूंकि ये फिल्में अपनी बोली भाषा व संस्कृति को लेकर आगे चलती हैं।

कई स्थानों में महिलाओ ने न सिर्फ फिल्म देखि, बल्कि थड्या चौंफला भी प्रस्तुत किया |

तो इस फिल्म की सफलता को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में उत्तराखंड की फिल्मो को लेकर अच्छा भविष्य तैयार हो रहा है और लोगों में अपने प्रदेश के स्थानीय मुद्दों, संस्कृति, कहानी, वीरगाथा जैंसी पट कथा की और रुझान दिख रहा है |

यदि बात करें उत्तराखंड के फ़िल्मी इंडस्ट्री की तो आने वाले समय में अभी दो फिल्मे निर्माणाधीन है | जिसमे एक उर्मि नेगी की “बंथों” और दूसरी किशना बगोट व घनानंद उर्फ़ घन्ना भाई की “भूमि” फिल्म |

तो यह कहना सही होगा कि “खैरी का दिन ” इन आने फिल्मो के लिए अच्छा माहौल बना रही रही है |

निर्माणाधीन फिल्म “भूमि” की पूरी टीम “खैरी का दिन ” फिल्म को जमकर प्रोमोट कर रही है, फिल्म भूमि के क्रिएटिव डायरेक्टर घन्ना भाई भी इस फिल्म को देखने केलिए रामा पैलेस ऋषिकेश पहुंचे | हालाँकि “भूमि” फिल्म के लेखक किशना बगोट को भी साथ आना था, मगर हाल में ही उनका एक्सीडेंट होने से पेर में चोट लगने के कारण वो अभी चलने में असमर्थ हैं इसलिए वो नहीं जा पाए |

कुल मिलकर अगर देखा जाए तो फिल्म “खैरी का दिन ” उत्तराखंड की फ़िल्मी दुनिया के लिए एक शुभ सन्देश लेकर आई है |

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