धुमाकोट
पहाड़ों में विलुप्त होती जा रही कौथिग (मेला) को जीवित व पारम्परिक प्रथा को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा लगातार अपनी संस्कृति और परम्परा को बचाए रखने के लिए प्रयास किये जाते रहे हैं | चाहे वह सांस्कृतिक कार्यक्रम हो या कौथिग |
इसी को लेकर नैनीडांडा ब्लॉक के धुमाकोट क्षेत्र में पहली बार ” धुमाकोट महाकौथिग” का दो दिवसीय आयोजन किया जा रहा है | जिसमे जहाँ एक और महिलाओं, किसानो के साथ साथ संस्कृति और परम्परा को बचाए रखने के लिए विभिन्न कार्यक्रम किये जायेंगे |
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता व संचालक,पहाडो का राही कुलदीप सिंह रावत ने देते हुए बताया कि यह आयोजन दिनांक 04 जून व 05 जून 2022 को किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय किसानों को सम्मान व महिलाओं द्वारा अपनी संस्कृति व परम्परा को जीवित रखने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगे।
उन्होनें जिलाधिकारी गढ़वाल से अपेक्षा की है कि वे अपने माध्यम से ब्लॉक स्तरीय सभी तरह के शिविर आयोजित करने की इच्छा जाहिर की है, ताकि क्षेत्र के विशाल व भव्य जन समूह को इन शिविरों का लाभ प्राप्त हो सके तथा आम जनमानस में जन जागरण का अच्छा संदेश जायेगा।जिसमें उत्तराखंड सरकार की लाभकारी व स्वरोजगार आदि का स्वास्थ्य प्रमाणपत्र आदि सम्मिलित हो।