मनमोहक नृत्य के साथ मलियाल मेला संपन्न


सुभाष पिमोली

थराली

पिंडर घाटी में वैशाखी से शुरू हुए मेलो की श्रखला मे आज अंतिम मेला मलियाल दानू मेला रंगारंग कार्यक्रमों व मलीयाल नृत्य के साथ संपन्न हो गया है। प्रतिवर्ष पिंडर घाटी में बैसाखी से 5 दिन तक मेलो का महोत्सव अलग-अलग स्थानों पर आयोजित होता है। इसी के क्रम में अंतिम मेला मलियाल वैशाख माह के पांचवें दिन आयोजित होता है। इस मेले मे मलियाल देवता का मनमोहक नृत्य दर्शकों के आकर्षण का केंद्र होता है । गत दो वर्षों मे कोरोना महामारी के चलते मेले का आयोजन नही हो सका था,किंतु इस बार कोरोना की स्थिति ठीक रहने से मैले मे बड़ी संख्या मे लोगो ने प्रतिभाग किया है।


बैसाखी सिर्फ पंजाब में ही नहीं मनाई जाती है बल्कि उत्तराखंड की पिंडरघाटी के लोग भी वैशाखी को नदियों मे स्नान पर्व एवं विखोत के मेलो के रूप मे मनाते है। यहां पूरे पाँच दिनों तक वैशाखी पर्व खुशी एवं हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। यहां आयोजित होने वाले विखोत के मेलों का अपना धार्मिक एवं पौराणिक महत्व रहा है। इस क्रम का प्रथम मेला कुलसारी में पिंडर नदी के पवित्र जल मे देवी-देवता,महादेव,घंडियाल आदि का स्नान कराया जाता है अंतिम पाँचवे मलियाल थोक के मलियाल में मलियाल देवता की पूजा अर्चना एवं नृत्य के साथ वैशाखी एवं मेलो का समापन होता है।

इस वर्ष भी सोमवार को मलियाल मेला संपन्न हुआ। मलियाल थोक के सात गांवो ने मेले का आयोजन किया। कहा जाता है कि गढ़वाल पर गोरखा आक्रमण के समय एक घायल सैनिक मलियाल नामक स्थान पर घायल अवस्था में आ गया था। कई वर्षों तक मलियाल की पवित्र भूमि पर यह सैनिक रहा और यहीं पर मृत्यु को प्राप्त हुआ। तात्कालिक रूप मे यहां के लोगो को जंगल एवं खेतिहरी करने मे परेशानी होने लगी। तब यहां नजदीक के सात गॉवो द्वारा मलियाल देवता का मंदिर बनाया गया और मेले का आयोजन किया गया। तभी से यहां के लोग इस स्थान पर मलियाल मेले का आयोजन करते हैं।

प्रतिवर्ष मनमोहक नृत्य के साथ यहां पर मेले का आयोजन होता है। परंपरा है कि एक वर्ष मलियाल वृद्ध स्वरूप मे पूजे जाते हैं और नृत्य करते हैं, दूसरे वर्ष मलयाल देता का युवा रूप पूजे जाते है और नृत्य के लिए लाया जाता है । मलियाल देवता का नृत्य बहुत ही मनमोहक रूप के साथ आयोजित होता है और दर्शक जो भी मेले में आए हुए होते हैं मलियाला के साथ नृत्य में खो जाते हैं |

वही मंदिर समिती द्वारा दो दिवसीय सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया जिसमे महिला मंगल दल द्वारा चाचरी, झुमेला सहित लोग गायको द्वारा लोग गीतों व स्कूली छात्र /छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही इस अवसर पर ग्राम प्रधान आशुतोष रावत, ललित रावत, देवेंद्र सिंह नेगी, मनोज गुसाई, भूपाल सिंह गुसाई, गजे सिंह रावत आदि मौजूद रहे ।

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