खन्सर- बधाण संयुक्त संघर्ष समिति की कल विनायक धार में होगी आवश्यक बैठक

सुभाष पिमोली

थराली

शीतकालीन राजधानी भराड़ीसेंड को सीधे तौर पर जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित मोटर सड़क बूंगी धार -मेहलचौरी- तलवाडी का निर्माण कार्य स्वीकृति के करीब 57 वर्षों बाद भी पूरा ना हो सका, जिस कारण आज भी गैरसैंण एवं पिंडर घाटी के लोगों को अपने जरूरी कामों के लिए कई मिल अतिरिक्त यात्रा कर एक विकास खंड से दूसरे विकास खंड में आने जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है |

बताया जाता है कि गैरसेंड-मेहलचोरी -तलवाड़ी को सीधे तौर पर पिंडर घाटी से मोटर सड़क से जोड़ने के लिए वित्तीय वर्ष 1975 -76 में गैरसेंड से गाजियाबाद विनायक होते हुए तलवाड़ी तक 30 किलोमीटर मोटर सड़क निर्माण की स्वीकृति दी थी | जिसके तहत गैरसेंड की ओर से 24 किलोमीटर विनायक धार तक मोटर सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है | जो कि एक निर्जन पड़ाव है और जंगल के बीचो बीच है, जबकि तलवाड़ी की ओर राजकीय इंटर कॉलेज तलवाड़ी तक 5 किलोमीटर का मार्ग शेष रह चुका है |

दशकों पूर्व बनने वाली यह सड़क तब से आज तक करीब 5 किलोमीटर मोटर मार्ग को दोनों क्षेत्रों की जनता लगातार शासन प्रशासन, और पूर्ववती सरकारों से मांग करती आ रही थी | बावजूद इसके निर्माण कार्य पूरी तरह से रुका हुआ है | जिस कारण जनवरी 2022 मे बधाण -खन्सर मित्र मंडल समिति का गठन कर सड़क के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया गया |

जिसमें विनायक धार मे जनवरी में गठित की समिति मैं अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी | जिसमें मोटर सड़क के निर्माण के लिए संयुक्त रूप से एक मंच मे आकर संघर्ष करने की आवश्यकता पर बल दिया |

इस अवसर पर पूर्व व्यायाम शिक्षक महिपाल सिंह बिष्ट को अध्यक्ष दर्शन सिंह बिष्ट, सेन सिंह नेगी उपाध्यक्ष, नारायण सिंह बिष्ट को सचिव और भागवत सिंह रावत को कोषाध्यक्ष, गोपाल प्रसाद, चतुर सिंह बिष्ट और खिलाफ सिंह रावत को संगठन सचिव, इंद्र सिंह फर्शवाण राकेश चौहान को संरक्षक चुना गया था |

इसी क्रम में कल विनायक धार में दोनों घाटियों के जनप्रतिनिधियों संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों की एक आवश्यक बैठक बुलाई गई है | जिसमें विभाग द्वारा अवशेष सड़क का सर्वे तथा वन विभाग द्वारा पेड़ों की गिनती ज्योलॉजीकल विभाग द्वारा भूगर्भ सर्वे करने के बाद भी आज तक शासन को रिपोर्ट नहीं सौंपी जाने के कारण अब दोनों विकास खंडों के जनप्रतिनिधियों ने आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है |

संघर्ष समिति के सचिव सेन सिंह नेगी ने बताया कि अगर सरकार हमारी इस सड़क का निर्माण कार्य अतिशीघ्र नहीं करती है, तो आगे दोनों घाटी के लोगों द्वारा जन आंदोलन किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी | उन्होंने बताया चार दशकों के बाद भी इस सड़क का निर्माण कार्य पुरा ना होने के कारण आज भी कई किलोमीटर की दूरी पार कर एक विकासखंड से दूसरे विकासखंड में जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे धन की हानि के साथ साथ समय की बर्बादी भी हो रही है |

आपको बता दें अगर यह सड़क बन जाती है तो रामनगर मंडी कुमाऊ से आने जाने वाले पर्यटकों सहित नेल, देवपुरी के छात्र छात्राओं को राजकीय महाविद्यालय तलवाड़ी में पढ़ने के लिए कम दूरी और कम समय मैं पहुंचा जा सकता है |

वही संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व शिक्षक महिपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि कल दोनों क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों स्थानीय लोगों और संघर्ष समिति की बैठक आहूत की गई है, जिसमें अग्रिम रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा | अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो दोनों क्षेत्रों के लोगों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा | अगर यह सड़क बन जाती है तो हमारी रोटी बेटी के रिश्ते के साथ ही ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण तक पहुंचने में यह रास्ता सुलभ और सस्ता रहेगा ।

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