वनाग्नि की रोकथाम में आम लोग भी सहयोग दें : दुबे

वन उपज का लाभ उठाते हैं तो वन सुरक्षा की जिम्मेदारी भी नैतिक जिम्मेदारी


सुभाष पिमोली

थराली


प्रभागीय वनाधिकारी बद्रीनाथ सर्वेश कुमार दुबे ने फायर सीजन शुरू होने के मद्देनजर आम जनता से अपील की है कि अग्निकाल में आरक्षित पंचायती एवं सिविल वनों में किसी भी प्रकार की ज्वलनशील सामग्री न ले जाएं। जलती बीड़ी-सिगरेट जंगलों में न फेंके। खेतों में खर-पतवार ऐसे समय जलाएं जब गर्मी कम और हवा शांत हो। खरपतवार अपने सामने जलाकर आग बुझा दें। इस कार्य में स्थानीय वन कर्मियों एवं ग्राम वन अग्नि सुरक्षा समिति का सहयोग लें।


उन्होंने कहा कि वनों में आग लगाना गैर जमानती अपराध की श्रेणी में है, जिसके लिए भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 अन्तर्गत दो वर्ष का कारावास या पाँच हजार जुर्माना अथवा दोनों का दण्डात्मक प्राविधान है। उन्होने सभी स्थानीय ग्रामवासियों को सूचित किया है कि वे समीपस्थ वन से पशु चुगान एवं वनों से चारा, लकड़ी एवं अन्य वन उपज अपने निजी प्रयोग हेतु लाते हैं, इसलिए वन में आग लगने पर उसे बुझाने की जिम्मेदारी उनकी भी है |

यदि वन में लगी आग बुझाने के लिए ये वनकर्मियों का सहयोग नहीं करते हैं, तो भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 79 के तहत न्यायालय द्वारा दण्डित किया जा सकता है।

दुबे ने कहा कि वनों में आग लगाने वाले व्यक्तियों की सूचना वन विभाग को देने वाले व्यक्तियों तथा वनों की आग बुझाने में सहयोग करने वाले व्यक्तियों को विभाग द्वारा पुरष्कृत किया जाएगा। उन्होने आग लगने पर मोबाइल नम्बर 7351847689 व 8958483145 पर तुरंत सूचना देने की अपील जनसाधारण से की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *