11-12 दिसंबर को केंद्रीय विद्यालय ग्वालदम में होगा कला धरोहर श्रृंखला का आयोजन

सुभाष पिमोली थराली

संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की एक स्वायत्त संस्था के रूप में भारत की समृद्ध एवं विविध सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं स्थानीय स्तर पर प्रदर्शन कलाओं को प्रोत्साहन देना और उन्हें व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुँचाना है।

अकादमी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत ‘कला धरोहर’ श्रृंखला का शुभारंभ किया है। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय प्रदर्शन कलाओं से परिचित कराना एवं उनके ज्ञान को समृद्ध करना है। इस पहल के अंतर्गत विद्यार्थियों को भारतीय कलाओं के प्रति जागरूक करने हेतु व्याख्यान-प्रदर्शन, कार्यशालाओं एवं प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है।

‘कला धरोहर’ श्रृंखला के अंतर्गत, अकादमी के पुरस्कार प्राप्त प्रतिष्ठित कलाकारों, गुरुओं एवं विद्वानों को आमंत्रित किया जाता है, ताकि विद्यार्थियों को इन विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हो सके। इन संवादात्मक सत्रों का उद्देश्य विद्यार्थियों के भीतर भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी समझ विकसित करना एवं उन्हें हमारी समृद्ध धरोहर के प्रति प्रेरित करना है।

संत मीरा बाई की 525वीं जयंती के अवसर पर भारत सरकार द्वारा आयोजित समारोह के अंतर्गत अकादमी ने संत मीरा बाई पर आधारित ‘कला धरोहर’ श्रृंखला का आयोजन किया है। इस श्रृंखला का शुभारंभ हरियाणा से किया गया है, और अब इसे पूरे देश के सरकारी विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में आयोजित किया जा रहा है।

इस क्रम में, संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 11 एवं 12 दिसंबर, 2024 को उत्तराखंड के चमोली जनपद के ग्वालदम में स्थित केंद्रीय विद्यालय में ‘कला धरोहर’ श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। यह इस श्रृंखला का 69वां संस्करण होगा। इस दो दिवसीय कार्यशाला में उत्तराखंड के प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायक श्री मुरली मनोहर उप्रेती विद्यार्थियों को संत मीरा बाई के भजनों का प्रशिक्षण देंगे एवं अपनी प्रस्तुति देंगे।

अकादमी की यह पहल न केवल भारतीय प्रदर्शन कलाओं के प्रसार में सहायक है, बल्कि नई पीढ़ी की प्रतिभाओं को निखारने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।